कुछ वक़्त कुछ वक़्त, जो पीछे छूट गया, कुछ वक़्त, जो आने वाला है, इन दोनों के फासलों के बीच, कुछ वक़्त, जो ठहर सा गया है, इसी ठहरे हुए वक़्त में, काश तुम पलकों पे कभी, यूँ ही आ जाते, नींद में ही सही, ख़्वाबों में दो पल, बस, यूँ ही मुस्कुराते, तो शायद,Continue reading “Teen Kavitayein”